ये मातृभूमि ही है मेरी, पहली और आख़री मोहब्ब्त मेरी ,बेशक। ये मातृभूमि ही है मेरी, पहली और आख़री मोहब्ब्त मेरी ,बेशक।
गांव की गलियों में नित घूमता मन, दम घोंटू शहरी जिंदगी से अब हुई अनबन। गांव की गलियों में नित घूमता मन, दम घोंटू शहरी जिंदगी से अब हुई अनबन।
निर्धनता में देखिए, रंग गुलाल विहीन। फिर भी होली गाँव की, होती है रंगीन।। निर्धनता में देखिए, रंग गुलाल विहीन। फिर भी होली गाँव की, होती है रंगीन।।
पापा जी ये गांव कैसा होता है, बता दो, बड़ा उत्सुक हूं, हो सके तो ले जाकर दिखा दो। पापा जी ये गांव कैसा होता है, बता दो, बड़ा उत्सुक हूं, हो सके तो ले जाकर दिख...
कहां गई खेत की कचरिया। दिखावें न गांव की डगरिया। कहां गई खेत की कचरिया। दिखावें न गांव की डगरिया।
बचपन के दोस्त, मां का प्यार छोड दिया बस एक नाम के लिए लौटना भी कैसे, सूख गई माटी बंजर मिट्टी में ... बचपन के दोस्त, मां का प्यार छोड दिया बस एक नाम के लिए लौटना भी कैसे, सूख गई मा...